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बैंक मैनेजर व कैशियर को रिस्वत लेते एसीबी की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा

0 किसान से धान का पैसा के बदले 5000 रुपये रिश्वत का मामला

कोरबा :-  किसानों को उसके धान के एवज में बैंक के द्वारा दिए जाने वाले राशि में कमीशनखोरी कर कटौती करने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने छापा मारा है।

मामले में अमित दुबे, ब्रांच मैनेजर एवं आशुतोष तिवारी, कैशियर, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या० शाखा पाली को 5000 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।

कोरबा जिले के पाली स्थित सहकारी बैंक की शाखा में एसीबी की टीम ने आज सुबह करीब 11:30 बजे दबिश दी।
एसीबी को शिकायत मिली थी कि यहां किसानों को ज्यादा रकम की जरूरत पड़ने पर उक्त राशि देने के एवज में कमीशन लिया जाता है। दरअसल सहकारी बैंकों में शासन के निर्देश अनुसार किसानों को धान बिक्री के एवज में मिलने वाली राशि देने का निर्धारण कर दिया गया है। किसानों को ग्रामवार बुलाया जाता है और इसके लिए दिन भी निर्धारित कर दिया गया है। किसानों को 25 से 30-40 हजार से ज्यादा के रकम नहीं दी जा रही है और जिन किसानों को ज्यादा राशि की जरूरत पड़ती है उसके लिए विशेष रूप से व्यवस्था करने के साथ कमीशन भी तय किया गया है। सूत्र ने बताया कि किसानों से ₹100000 के बदले ₹1500 कमीशन लिया जाता है।

इनमें से ही एक किसान जिसे उसके बेचे गए धान के बदले रुपए की आवश्यकता लाखों में थी और बैंक के द्वारा किसानों से मजबूरी का फायदा उठाते हुए कमीशन लेकर रुपए दिए जा रहे थे। पीड़ित किसान प्रार्थी रामनोहर यादव ग्राम धंवरा डोंगरी बतरा से लगभग 5 लाख रूपये, के आहरण के लिये 7500 रूपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। आरोपीगण अमित दुबे, ब्रांच मैनेजर एवं आशुतोष तिवारी, कैशियर द्वारा मांग की गई थी। शिकायत सत्यापन पश्चात् आज आरोपीगण को रिश्वत देने के लिये प्रार्थी बैंक कार्यालय गया जहां आरोपीगण द्वारा सावधानी बरतते हुए, रिश्वती रकम न लेते हुए, 5 लाख आहरण राशि से रिश्वती रकम 5000 रूपये काटकर प्रार्थी को शेष राशि दी गई, जिस पर एसीबी की टीम द्वारा कार्यवाही कर कैशियर से रिश्वत की राशि बरामद की गई ।

इस मामले से यह तो प्रमाणित हुआ है कि किसान अपना धान बचने के बाद अपने ही धान की राशि प्राप्त करने के लिए किस तरह से मौजूदा हालातों में परेशान हो रहा है।